सत्ताकेकेंद्रकेख़िलाफ़विरोधकीएकमुख्यधाराहोतीहै. उसीपंक्तिमेंचलतेहुएविरोधकीएकअंतर्धाराभीहोगी. लेकिनउधरनहींजाना. सत्ताऔरविरोधकीमुख्यधाराकेबीचजोजगहहै- वहजगहपॉप्युलरकल्चरभरताहै - जिसकीफ़ेसवैल्यूविरोधकीमुख्यधाराकोइमिटेटकरतीहुईसीहोतीहै. परवहउसमुख्यधाराकामिमिकभरहोताहैजिसकाउद्भवरीबेलकरनेकेकारणोंमेंढूँढाजासकताहै. कारणोंमेंफ़्रॉडीयनकॉम्प्लेक्सेज़सेलेकरसामाजिकहीनभावनातकहोसकतेहैं. मुझकोलगताहैकिअसलमेंयहवर्गअभिजात्यहोताहैपरइसकाचेहरासूडो-सर्वहाराहोताहै. उत्तरआधुनिकताइनकोयहसुविधाप्रदानकरतीहैकियहअपनीमान्यताओंकेनामपरहो-हल्लाकरसकेंऔरपरिश्रमसेबचतेहुएअपनेको “सही” घोषितकरसकें. यहसीमासाहित्य, संगीतऔरकलायाइनकेछद्मरूपोंसेआगेजातीहै. यहउसीआशयकाचुनावहैजैसे- ग़लतट्रम्पकीजगह ‘सही” हिलेरीकोचुनना. स्टेटसक्वोकाएकऔरखेला. पूँजीवाद यह जगह भी छीन लेना चाहता है, यह कोई बहुत अद्भुत ऑब्ज़र्वेशन नहीं है. घुसपैठ हर जगह शामिल है.
एकआमआदमीकिसीकेकैन्सरकाइलाजनहींबताता ना किसीइंजीनियरसेमकानबनानेकानक्शाबनानेपरबहसकरताहै.लेकिनकवितामेंचूँकिगणितनहींदिखता/होता इसीलिएहरआदमीकवितापरमतदेसकताहैऔरमज़ेमेंबतासकताहैकिक्याकविताहैयाक्यानहींहै. तर्क नहींचाहिए. कवितासबजेक्टिवचीज़है. क्याहुआजोभाषापरम्परा, काव्यपरंपराऔरनयालिखापुरानेपरऔरपुरानालिखानएपरकिसतरहकाअसरडालताहै, इसकीसमझहोकिनहीं.
नयाकवि (अगरवहगम्भीरहैऔरकविताकेलिएयाकिसीसाहित्यिकप्रयोजनकेलिएकविताकरताहै) अमूमनमंचखोजताहै. लेकिनउसकोइसलोभसेबचनाचाहिएऔरकहींभीकवितानहींपढ़नीचाहिए. उसकोइसबारेमेंबहुतसोचनाचाहिए. अपनेप्रयोजनोंकेलिएउसकाइस्तेमालहोसकताहै - पूँजीवाद का टूल भर पटना क्या ज़रूरी है. अगरकविइस्तेमालनहींहोंगेतोसम्भवहैउनकीप्रशंसाहोजाए. मेरीसमझसेइससेभीडरनाचाहिए. यहग़लतचाहजगातीहैऔरइसकाबुराअसरकवितापरपड़ताहै.
कविकेकामक्याक्याहैं? इसपरमैंबहुतसोचताहूँ. एककामतोहैकविताकरना.लेकिनमुझेलगताहैकविकेपासरीढ़तोहोनीहीचाहिए. उसकेपासएकमतभीहोनाचाहिए. एकराजनीतिकमत. सबकेसाथशुचिताआवश्यकलगतीहैक्योंकिशुचिताकेबिनाईमानदारीसम्भवनहींहै. औरईमानदारीनहींहोगीतोसामनेवालाव्यक्तिभलेहीबहुतअच्छीकवितालिखले, वोकविकैसेहोगा? ये सारी चीज़ें सबजेक्टिव हैं.
कविताकेस्तरकानिर्धारणसमाजसेनहींहोता. कीट्सकोसमीक्षकोंतकनेख़ारिजकरदियाथा. डनकोचारसौसालोंकेलिएभुलादियागयाथा. हिंदीकेअच्छेसेअच्छेकविकोकईबारदोसौरुपएकीरॉयलटीमिलतीहै. समाजकाख़ारिजकरनाउनकोकाव्यपरम्परासेविमुखनहींकरता. The present alters the past and the past alters the present. काव्यपरम्पराकीबातकरतेहुएएलीयटकुछइसतरहकीबातकरताहै.
जो कुछ ओपन माइक के संदर्भ में कह रहा, वह आम सोशल मीडिया पर प्रचलित कविता और कई स्थापित नामों के संदर्भ में भी सच है. ओपन माइक जैसे आयोजनों में चूँकि घुसपैठ सीधी सीधी दिखती है इसीलिए उनका उदाहरण बेहतर समझ आता है . जो छुपे हुए लोग हैं, उनको भी कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए. औसत जो कुछ भी है, या लिजलिजापन लिए हुए, उसके जाल को बेधना होगा.
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